विजय देवरकोंडा फाइनली लौट आए हैं… और इस बार पूरे ‘साम्राज्य’ पर छा गए हैं! लंबा इंतज़ार खत्म हुआ और गौतम तिन्नानुरी की बहुचर्चित फिल्म ‘Kingdom’ (हिंदी में ‘साम्राज्य’) सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। थ्रिल, इमोशन और पावर-पैक परफॉर्मेंस से भरपूर इस फिल्म ने आते ही फैन्स को दीवाना बना दिया है। अगर आप सोच रहे हैं कि इस वीकेंड क्या देखें, तो ये रिव्यू आपके लिए है।
कहानी में है दम – भाई की तलाश में मौत से लड़ता सिपाही
फिल्म की कहानी 90 के दशक में सेट है, जब श्रीलंका में कुछ तेलुगू परिवार रहते थे जो भारत के श्रीकाकुलम से गए थे। यहां की कहानी शुरू होती है सूरी (विजय देवरकोंडा) से – एक ईमानदार और बेखौफ पुलिस अफसर जो भ्रष्ट अफसरों तक को नहीं बख्शता। उसकी इसी सच्चाई के चलते उसे श्रीलंका में एक सीक्रेट मिशन पर भेजा जाता है।
मकसद सिर्फ मिशन पूरा करना नहीं है – इनाम में मिलेगा उसका 18 साल से लापता भाई सत्यदेव। सूरी जाफना की जेल में छुपकर दाखिल होता है और वहां अपने भाई से मिलते ही कहानी नया मोड़ लेती है। क्या दोनों भाई साथ लौट पाएंगे? इसके लिए आपको थिएटर जाना होगा!
फिल्म कैसी है?
‘Kingdom’ एक इमोशनल थ्रिलर है, जिसमें आपको रोमांच के साथ-साथ भाईचारे की गहराई भी मिलेगी।
विजय देवरकोंडा ने सूरी के किरदार में जान फूंक दी है। हर फ्रेम में वो अपने किरदार में इतने रच-बस गए हैं कि आप स्क्रीन से नजरें नहीं हटा पाएंगे।
गौतम तिन्नानुरी ने इस फिल्म को सिर्फ एक मसाला मूवी नहीं बनाया, बल्कि इसे रियलिस्टिक इमोशन्स और इंटेंस ड्रामा से सजाया है। ‘सालार’ और ‘छत्रपति’ जैसी फिल्मों का फील आपको ज़रूर आएगा।
हालांकि, कुछ दर्शकों को कहानी की रफ्तार थोड़ी स्लो लग सकती है, लेकिन विजय और बाकी एक्टर्स की शानदार परफॉर्मेंस इस कमी को छिपा लेती है।
निर्देशन की बात करें तो…
नेशनल अवॉर्ड विनर गौतम तिन्नानुरी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वो सिर्फ डायरेक्टर नहीं, बल्कि स्टोरीटेलिंग मास्टर हैं। उन्होंने फिल्म में टेक्निकल एलिमेंट्स का बेहतरीन इस्तेमाल किया है – सिनेमैटोग्राफी हो, बैकग्राउंड स्कोर हो या एडिटिंग – सब कुछ टॉप क्लास।
उन्होंने oppressed कम्युनिटी की समस्याओं को भी बहुत गहराई से दिखाया है, जिससे फिल्म और भी प्रभावी हो जाती है।
एक्टिंग – विजय ने छीन ली लाइमलाइट!
विजय देवरकोंडा की ये अब तक की बेस्ट परफॉर्मेंस में से एक मानी जा सकती है। वो चाहे सिपाही बनें या कैदी – हर रोल में दमदार। खासकर नाव वाला सीन, सीटी मारने लायक है।
भाग्यश्री बोरसे ने सपोर्टिंग रोल में बढ़िया काम किया है और विजय के साथ उनकी केमिस्ट्री काफी नेचुरल लगती है। वहीं सत्यदेव, जो सूरी के भाई का किरदार निभा रहे हैं, उन्होंने भी दिल जीत लिया है। दोनों भाइयों के इमोशनल सीन आंखें नम कर देते हैं।
बाकी कलाकार भी अपने रोल में फिट हैं और कहानी को मजबूत बनाते हैं।
देखें या छोड़ें?
अगर आप एक ऐसी फिल्म देखना चाहते हैं जो सिर्फ टाइमपास न हो, बल्कि आपको सोचने पर मजबूर करे, जिसमें जबरदस्त परफॉर्मेंस, शानदार डायरेक्शन और इमोशनल कनेक्ट हो – तो ‘Kingdom’ को मिस न करें।
ये फिल्म विजय देवरकोंडा के फैंस के लिए फुल पैसा वसूल है और नए दर्शकों के लिए भी एक बेहतरीन सिनेमाई अनुभव।
फिल्म की डिटेल्स:
नाम: Kingdom (हिंदी में ‘साम्राज्य’)
डायरेक्टर: गौतम तिन्नानुरी
कास्ट: विजय देवरकोंडा, भाग्यश्री बोरसे, सत्यदेव
रिलीज: थिएटर
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