बॉलीवुड के मल्टीटैलेंटेड स्टार Farhan Akhtar एक बार फिर फौजी अवतार में लौट आए हैं, लेकिन इस बार कहानी है रियल हीरो Major Shaitan Singh Bhati की। Farhan की मोस्ट-अवेटेड फिल्म 120 Bahadur का टीज़र आज रिलीज़ हो गया है और ये सीधे दिल को छू लेने वाला है।
120 बनाम 3,000 – सच्ची लड़ाई का ज़ख्मी इतिहास
फिल्म 120 बहादुर 1962 में हुई Rezang La की लड़ाई पर आधारित है, जहां भारत के सिर्फ 120 जवानों ने चीन के 3,000 सैनिकों का सामना किया था — और वो भी जान की परवाह किए बिना। Farhan Akhtar खुद Major Shaitan Singh की भूमिका निभा रहे हैं, जिन्होंने दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। उन्हें मरणोपरांत Param Vir Chakra से नवाज़ा गया।
टीज़र की शुरुआत: अस्पताल में एक ज़ख्मी जवान से सवाल…
टीज़र एक ज़ख्मी सिपाही से पूछताछ से शुरू होता है – “Rezang La में क्या हुआ था?” इसके बाद शुरू होता है असली तूफ़ान – बर्फीली वादियों में चल रही गोलियों की गूंज, बमबारी, और उन हालातों में जूझते जवान। तापमान –24°C से भी नीचे है, लेकिन Farhan का किरदार बिना किसी शिकन के लड़ाई की तैयारी में जुटा है।
Farhan का दमदार डायलॉग – “मुझे पीछे हटना मंज़ूर नहीं है”
Farhan, यानी Major Shaitan Singh, अपनी बटालियन को एक इमोशनल और जोश भरने वाला भाषण देते हैं – “यह वर्दी सिर्फ बहादुरी नहीं, बलिदान भी मांगती है… हार मंज़ूर नहीं!” इसके बाद शुरू होता है चीन और भारत के बीच जबरदस्त क्लैश का एक्शन सीक्वेंस।
फिल्म से जुड़ी टीम और रिलीज़ डेट
फिल्म को डायरेक्ट किया है Razneesh ‘Razy’ Ghai ने और इसे प्रोड्यूस किया है Ritesh Sidhwani, Farhan Akhtar (Excel Entertainment) और Amit Chandrra (Trigger Happy Studios) ने। 120 Bahadur 21 नवंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी।
इस फिल्म से Farhan करीब चार साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं। उन्हें आखिरी बार 2021 की Toofaan में देखा गया था। फिल्म में Farhan के साथ Vivan Bhatena, Ankit Siwach, Eijaz Khan, और Raashii Khanna भी अहम भूमिकाओं में नजर आएंगे।
Rezang La – जहां वीरता अमर हो गई
Rezang La, 16,000 फीट की ऊंचाई पर बसा वो इलाका है जो लद्दाख के Chushul गांव की सुरक्षा के लिए बेहद अहम है। 18 नवंबर 1962 को, चीन ने यहां तैनात 13 कुमाऊं रेजिमेंट की C कंपनी पर हमला बोला था।
भारतीय जवानों ने बंदूकों, मशीनगनों और मोर्टार से चीनी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया, लेकिन जब दुश्मन पीछे से हमला करते हुए दुगनी ताकत से लौटा, तब भी हमारे जवान आखिरी सांस तक डटे रहे। लड़ाई इतनी भयंकर थी कि ये युद्ध के इतिहास में एक मिसाल बन गई।